WHAT DOES SHIV CHAISA MEAN?

What Does Shiv chaisa Mean?

What Does Shiv chaisa Mean?

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

There isn't a one particular as generous as you, Your devotees usually praise and serve you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless insider secrets are past comprehension.

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! shiv chalisa lyricsl पतंग! मरीची! भास्कर!...

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - shiv chalisa lyricsl प्रेरक कहानी

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